Dhatu in Sanskrit के through Sanskrit grammar समझना और आसान होता है। इस Blog Post में 10 प्रमुख धातु गणों (Dhatu Ganas) को आसान Explanation, Definition, Dhatu(Vocabulary) के साथ Cover किया है। जैसे कि भ्वादि, अदादि, जुहोत्यादि आदि। Beginners के लिए useful guide!
Dhatu in Sanskrit: Definition
धातु: (Verb - क्रिया-बोध)
क्रिया वह शब्द है जो किसी वस्तु के सम्बन्ध में कुछ बतलावे, अर्थात् होना, जाना, खाना, पढ़ना, सोना आदि। इन्हीं क्रियाओं को धातु शब्द से अभिहित किया गया है।
महर्षि पाणिनि ने अपने अष्टाध्यायी सूत्रग्रन्थ
में धातु की परिभाषा दी है।
भ्वादयो धातवः - भू आदि क्रियाएँ धातुसंज्ञक होती हैं। सभी धातुओं को रूप की विभिन्नता के कारण 10 भागों में बाँटा गया है। प्रत्येक भाग को गण कहा जाता है। इन्हीं 10 गणों में जो प्रत्यय जोड़ा जाता है, उसे तिङ् प्रत्यय कहते हैं। तिङ् प्रत्यय से युक्त धातु को "तिङन्त पद" कहा जाता है। यथा - 'पठ्' धातु में 'ति' प्रत्यय जोड़ने पर पठति, पठतः, पठन्ति जैसे तिङन्त पद कहा जाता है।
Dhatu(Gana) in Sanskrit
गणबोध - उपर्युक्त विवरण के अनुसार धातुओं के 10 गण निम्नलिखित हैं-
श्लोक - भ्वाद्यदादी जुहोत्यादिदिवादिः
स्वादिरेव च । तुदादिश्च रुधादिश्च तनक्रयादि चुरादयः ॥
(1) भ्वादि
(2) अदादि
(3) जुहोत्यादि
(4) दिवादि
(5) स्वादि
(6) तुदादि
(7) रुधादि
(8) तनादि
(9) क्रयादि
(10) चुरादि
आइए अब धातु के 10 गणों को एक एक करके विस्तृत रूप
से जानते
हैं। धातु के 10 गणों
में कौन कौन से धातु आते हैं और उनकी पूरी list भी मिलने वाली है और उनके धातु रूप कैसे बनते हैं, वो भी जानने वाले हैं साथ ही उनके
हिंदी और English meaning भी
जानने वाले हैं।
Dhatu in Sanskrit: Bhwadi Dhatu Gana
1.भ्वादि - भू (होना) धातु - इसमें 'तिङ्' प्रत्यय लगने से 'भू' का 'भव' हो
जाता है और इसके रूप 'भवति, भवतः, भवन्ति' आदि
चलते हैं। इसी तरह गण के सभी धातुओं में शप् (अ) का आगम होता है और इस गण के
अन्तर्गत भू, गम्, पठ्, स्था, पा, दृश्, खाद्, खेल्, नम्, घ्रा, दाण, स्मृ, वद्, सद्, वस्, जि आदि धातु आते हैं।
Bhwadi Dhatu Vocabulary
1. भू – होना (To be) – भवति
2. स्था – ठहरना / खड़ा होना (To stand) – तिष्ठति
3. धा – रखना (To place) – दधाति
4. पा – पीना (To drink) – पिबति
5. नी – ले जाना (To lead/carry) – नयति
6. गम् – जाना (To go) – गच्छति
7. दा – देना (To give) – ददाति
8. या – जाना (To go) – याति
9. मृ – मरना (To die) – म्रियते
10. श्री – शोभित होना (To shine) – श्रायते
11. कृ – करना (To do) – करोति
12. हृ – लेना (To take) – हरति
13. रुह् – चढ़ना (To rise/climb) – रोहति
14. सृ – बहना (To flow) – सृणोति
15. व्रज् – चलना (To proceed) – व्रजति
16. वृष् – वर्षा होना (To rain) – वृष्टि
17. पत् – गिरना (To fall) – पतति
18. दिश् – दिखाना (To show) – दिशति
19. जि – जीतना (To win) – जयति
20. हस् – हँसना (To laugh) – हसति
21. चर् – चलना (To move/walk) – चरति
22. रम् – रमण करना (To enjoy) – रमते
23. नय् – ले जाना (To lead) – नयति
24. स्ना – स्नान करना (To bathe) – स्नाति
25. स्वप् – सोना (To sleep) – स्वपति
26. वद् – बोलना (To speak) – वदति
27. दृश् – देखना (To see) – पश्यति
28. खन् – खोदना (To dig) – खनति
29. खाद् – खाना (To eat) – खादति
30. पच् – पकाना (To cook) – पचति
31. लिख् – लिखना (To write) – लिखति
32. नृत् – नृत्य करना (To dance) – नृत्यति
33. विद् – जानना (To know) – वेत्ति
34. वृध् – बढ़ना (To grow) – वर्धते
35. वर्ज् – त्यागना (To abandon) – वर्जयति
36. व्रश्च् – काटना (To cut) – व्रश्चति
37. नमस् – नमस्कार करना (To bow) – नमति
38. भज् – पूजा करना / बाँटना (To worship/share) – भजति
39. भास् – चमकना (To shine) – भासति
40. भ्रम् – घूमना (To wander) – भ्रमति
41. स्मृ – स्मरण करना (To remember) – स्मरति
42. श्रु – सुनना (To hear) – शृणोति
43. दर्श् – दिखाना / देखना (To show/see) – दर्शयति / पश्यति
44. वेष्ट् – लपेटना (To wrap) – वेष्टयति
45. शक् – सक्षम होना (To be able) – शक्नोति
46. सिध् – सिद्ध होना (To accomplish) – सिध्यति
47. लभ् – प्राप्त करना (To obtain) – लभते
48. जन् – जन्म लेना (To be born) – जायते
49. अर्च् – पूजा करना (To worship) – अर्चति
50. पठ् – पढ़ना (To read) – पठति
Dhatu in Sanskrit: Adadi Dhatu Gana
2. अदादिगण - अद् धातु के
प्रथम अर्थात् आदि में रहने से अदादि गण कहलाता है। 'अद् भक्षणे' अर्थ में अद् + ति = अत्ति आदि रूप बनता है। इसका कोई गण चिह्न नहीं
है।
Adadi Dhatu Vocabulary
1. अद् - खाना - to eat - अत्ति
2. इष् - इच्छा करना - to desire - इच्छति
3. उष् - जलाना - to burn - उषति
4. रुद् - रोना - to cry - रोदति
5. यम् - नियंत्रण करना - to control - यच्छति
6. रम् - आनंद लेना - to enjoy - रमति
7. नम् - झुकना - to bow - नमति
8. दम् - वश में करना - to tame - दमति
9. शम् - शांत करना - to calm - शमति
10. कम् - प्रेम करना - to love - कमति
11. तम् - थकना - to be tired - तमति
12. जम् - खाना - to eat - जमति
13. भ्रम् - भटकना - to wander - भ्रमति
14. स्रम् - बहना - to flow - स्रंति
15. क्रम् - चलना - to walk - क्रमति
16. क्लम् - थकना - to be fatigued - क्लमति
17. त्रस् - डरना - to tremble - त्रसति
18. द्रस् - देखना - to see - द्रष्टि
19. भ्रस् - गिरना - to fall - भ्रंसति
20. यज् - यज्ञ करना - to sacrifice - यजति
21. रज् - रंगना - to color - रजति
22. वज् - बल देना - to strengthen - वजति
23. सज् - सजाना - to decorate - सजति
24. तप् - तपना - to heat - तपति
25. दिप् - चमकना - to shine - दीपति
26. लिप् - लेप करना - to smear - लिम्पति
27. विप् - कम्पन करना - to tremble - विपति
28. सिप् - फेंकना - to throw - सिपति
29. कुप् - क्रोध करना - to be angry - कुपति
30. लुप् - छिपाना - to hide - लुपति
31. तृप् - संतुष्ट होना - to be satisfied - तृपति
32. दृप् - घमंड करना - to be proud - दृपति
33. कृप् - दया करना - to show mercy - कृपति
34. द्रु - दौड़ना - to run - द्रवति
35. स्रु - बहना - to flow - स्रवति
36. च्यु - गिरना - to fall - च्यवति
37. व्यु - ढकना - to cover - व्यति
38. श्यु - स्राव करना - to ooze - श्यति
39. तु - बढ़ना - to grow - तौति
40. सु - प्रसव करना - to give birth - सौति
41. वस् - रहना - to dwell - वसति
42. हस् - हँसना - to laugh - हसति
43. कास् - खाँसना - to cough - कासति
44. नास् - नष्ट करना - to destroy - नासति
45. पा - पीना - to drink - पिबति
46. धा - रखना - to place - दधाति
47. दा - देना - to give - ददाति
48. हा - छोड़ना - to abandon - जहाति
49. स्था - खड़ा होना - to stand - तिष्ठति
50. गा - गाना - to sing - गायति
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Dhatu in Sanskrit: Juhotyadi Dhatu Gana
3. जुहोत्यादि
(ह्वादि) -
हु या जुहोति क्रिया के पूर्व में रहने से इसे जुहोत्यादि गण कहा गया है। इसका कोई गण नहीं है।
इसमें धातुओं के पूर्व वर्ण को द्वित्व होता है। द्वित्वाद् प्रथम वर्ण दीर्घ स्वर
हस्व हो जाता है। द्वित्व के पश्चात् वर्ण चदि वर्ग का द्वितीय, चतुर्थ रहता है तो क्रमशः प्रथम, तृतीय हो जाता है। इसी क्रम से कवर्ग - चवर्ग में
परिवर्तित हो जाता है और हकार जकार में बदल जाता है। लट्, लोट्, लङ् और विधिलिङ् में धातु के अन्तिम स्वर का गुण हो जाता है।
यथा - हु
धातु । द्वित्व होने पर हु + हु
+ ति । ज होने पर
जु +
हु +
ति । गुण होने पर जुहोति बनता है ।
Juhotyadi Dhatu Vocabulary
1. हु - हवन करना - to offer - जुहोति
2. ह्वे - बुलाना - to call - जिह्वेति
3. वे - बुनना - to weave - विवेति
4. वा - उल्टी करना - to vomit - विवाति
5. वै - बुनना - to weave - विवायति
6. पू - शुद्ध करना - to purify - पूपोति
7. छु - छिपाना - to hide - चिछति
8. खी - थकना - to be tired - चिख्यायति
9. नी - ले जाना - to lead - निनीति
10. शी - सोना - to sleep - शिशेति
11. दी - चमकना - to shine - दीदेति
12. पा - पीना - to drink - पिपाति
13. धा - रखना - to place - दधाति
14. दा - देना - to give - ददाति
15. हा - छोड़ना - to abandon - जहाति
16. या - जाना - to go - याति
17. भू - होना - to be - बभूति
18. सू - उत्पन्न करना - to produce - सुसोति
19. दू - दुख देना - to cause pain - दुदोति
20. कू - ध्वनि करना - to sound - चिकोति
21. जू - तेज करना - to hasten - जुजोति
22. तू - बढ़ना - to grow - तितोति
23. री - जाना - to go - रिरेति
24. ली - लिपटना - to cling - लिलति
Dhatu in Sanskrit: Divadi Dhatu Gana
4. दिवादि - दिवादिभ्यः श्यन - दिव् धातु को प्रथम होने से इसे दिवादि गण कहा गया है। इसका गण चिह्न 'य' है। यह चिह्न लट्, लोट् और विधिलिङ् लकारों में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। इसमें उपधा के स्वर का दीर्घ हो जाता है।
यथा:- दिव् श्यन् (य) ति दीव्यति।
Divadi Dhatu Vocabulary
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1. दिव् |
खेलना / चमकना |
To play / to shine |
दिव्यति |
2. नन्द् |
आनन्दित होना |
To rejoice |
नन्द्यति |
3. तण्ड् |
मारना |
To beat |
तण्ड्यति |
4. नृत् |
नाचना |
To dance |
नृत्यति |
5. श्वस् |
साँस लेना |
To breathe |
श्वस्यति |
6. तुद् |
मारना / प्रहार करना |
To strike |
तुद्यति |
7. पच् |
पकाना |
To cook |
पच्यति |
8. क्रीड् |
खेलना |
To play |
क्रीड्यति |
9. स्पर्ध् |
ईर्ष्या करना |
To envy/compete |
स्पर्ध्यति |
10. तृप् |
तृप्त होना |
To be satisfied |
तृप्यति |
11. भृश् |
अत्यधिक होना |
To be intense |
भृश्यति |
12. क्षुभ् |
हिलना / कंपित होना |
To shake/tremble |
क्षुभ्यति |
13. नट् |
नृत्य करना |
To perform dance |
नट्यति |
14. वृध् |
बढ़ना |
To grow |
वृध्यति |
15. दंश् |
काटना / डसना |
To bite |
दंश्यति |
16. कुर्द् |
कूदना |
To leap |
कुर्द्यति |
17. स्फुर् |
फड़कना |
To throb/vibrate |
स्फुर्यति |
18. गर्ज् |
गरजना |
To roar |
गर्ज्यति |
19. मृद् |
मलना |
To rub |
मृद्यति |
20. खिद् |
दुखी होना |
To be sorrowful |
खिद्यति |
21. श्रम् |
थकना |
To be tired |
श्रम्यति |
22. मण्ड् |
सजाना |
To decorate |
मण्ड्यति |
23. सर्ज् |
उत्पन्न करना |
To create |
सर्ज्यति |
24. तर्ज् |
डराना |
To threaten |
तर्ज्यति |
25. वर्ज् |
त्याग करना |
To renounce |
वर्ज्यति |
26. तृष् |
प्यास लगना |
To be thirsty |
तृष्यति |
27. बर्ह् |
उड़ाना |
To fly/lift |
बर्ह्यति |
28. हृष् |
प्रसन्न होना |
To rejoice |
हृष्यति |
29. क्रुध् |
क्रोधित होना |
To be angry |
क्रुध्यति |
30. स्पृह् |
इच्छा करना |
To desire |
स्पृह्यति |
31. स्पन्द् |
कंपित होना |
To quiver |
स्पन्द्यति |
32. विकस् |
खिलना |
To blossom |
विकस्यति |
33. स्फुट् |
फटना |
To burst |
स्फुट्यति |
34. शुष् |
सूखना |
To dry |
शुष्यति |
35. लष् |
चमकना |
To shine |
लष्यति |
36. व्यध् |
बेधना |
To pierce |
व्यध्यति |
37. रम् |
रमण करना |
To enjoy |
रम्यति |
38. स्खल् |
फिसलना |
To slip |
स्खल्यति |
39. स्मर् |
स्मरण करना |
To remember |
स्मर्यति |
40. गल् |
गिरना |
To fall |
गल्यति |
41. स्तम्भ् |
स्थिर होना |
To stand still |
स्तम्भ्यति |
42. ह्लाद् |
प्रसन्न होना |
To be delighted |
ह्लाद्यति |
43. शम् |
शांति पाना |
To become calm |
शम्यति |
44. विकम्प् |
हिलना |
To tremble |
विकम्प्यति |
45. भ्रम् |
भ्रमण करना |
To roam/wander |
भ्रम्यति |
46. ध्वंस् |
नष्ट करना |
To destroy |
ध्वंस्यति |
47. वल्ग् |
कूदना |
To jump |
वल्ग्यति |
48. द्रुत् |
दौड़ना |
To run |
द्रुत्यति |
Dhatu in Sanskrit: Swadi Dhatu Gana
5. स्वादि - स्वादिभ्यः
स्तु - सु धातु के
प्रथम होने से इसे स्वादिसंज्ञक गण कहा गया है। इसका चिह्न है - नु जो लट्,
लोट्,
लङ्
और विधिलिङ् में दिखाई पड़ता है। 'नु' का गुण होने पर
नो शेष बचता है। उत्तमपुरुष के द्विवचन और बहुवचन में 'नु' के
उकार का विकल्प से लोप हो जाता है। यथा- सुनोति । उत्तम पुरुष में- सुन्वः,
सुनुवः,
सुनुमः,
रसुन्मः
आदि ।
Swadi Dhatu Vocabulary
1. सु - प्रसव करना - to give birth - सुनोति
2. नु - प्रशंसा करना - to praise - नुनोति
3. रु - रुकना - to stop - रुणोति
4. शु - चमकना - to shine - शुनोति
5. यु - मिलाना - to join - युनोति
6. तु - बढ़ना - to grow - तुनोति
7. दु - जलाना - to burn - दुनोति
8. क्षु - भूखा होना - to be hungry - क्षुणोति
9. लु - काटना - to cut - लुनोति
10. पु - शुद्ध करना - to purify - पुनोति
11. मु - मुक्त करना - to release - मुनोति
12. जु - तेज करना - to hasten - जुनोति
13. कु - ध्वनि करना - to sound - कुनोति
14. स्नु - स्राव करना - to flow - स्नुनोति
15. धू - हिलाना - to shake - धुनोति
16. क्रु - रोना - to cry - क्रुनोति
17. भ्रू - भटकना - to wander - भ्रूणोति
18. ध्रु - स्थिर रहना - to be firm - ध्रुणोति
19. टु - हिलना - to move - टुनोति
20. णु - गाना - to sing - णुनोति
21. च्यु - गिरना - to fall - च्युनोति
22. ज्यु - चमकना - to shine - ज्युनोति
23. स्रु - बहना - to flow - स्रुनोति
24. म्रु - मरना - to die - म्रुनोति
25. द्रु - दौड़ना - to run - द्रुनोति
26. ह्रु - लज्जा करना - to be ashamed - ह्रुणोति
27. कृ - करना - to do - कृणोति
28. वृ - चुनना - to choose - वृणोति
29. पृ - रक्षा करना - to protect - पृणोति
30. दृ - फटना - to tear - दृणोति
31. मृ - मरना - to die - मृणोति
32. सृ - गति करना - to move - सृणोति
33. क्षृ - नष्ट करना - to destroy - क्षृणोति
34. तृ - पार करना - to cross - तृणोति
35. खृ - खींचना - to pull - खृणोति
36. गृ - ग्रहण करना - to seize - गृणोति
37. शृ - काटना - to cut - शृणोति
38. हृ - हरना - to take away - हृणोति
39. भृ - धारण करना - to bear - भृणोति
40. चृ - चयन करना - to choose - चृणोति
41. जृ - पुराना होना - to grow old - जृणोति
42. श्लु - ढीला करना - to loosen - श्लुनोति
43. ग्लु - थकना - to be tired - ग्लुनोति
44. क्सु - क्षय करना - to decay - क्सुणोति
45. त्सु - चुराना - to steal - त्सुनोति
46. द्सु - दुख देना - to cause pain - द्सुनोति
47. स्सु - स्राव करना - to flow - स्सुनोति
48. क्नु - ध्वनि करना - to sound - क्नुनोति
49. ध्नु - धनुष चलाना - to shoot an arrow - ध्नुनोति
50. म्नु - मनन करना - to meditate - म्नुनोति
Dhatu in Sanskrit: Tudadi Dhatu Gana
6. तुदादितुदादिभ्यः शः - तुद् धातु के प्रथम होने से इसे तुदादि गण कहा गया है। इसका गण चिह्न है शः (अ) जो लट्, लोट्, लङ् और विधिलिङ लकारों में दृष्टिगत होता है। यद्यपि भ्वादि और तुदादि दोनों का गण चिह्न भी 'अ' है किन्तु भ्वादि में धातु के अन्तिम स्वर उपधा स्वर का गुण हो जाता है जबकि तुदादि में ऐसा नहीं होता है। यथा - तुद् अति तुदति ।
Tudadi Dhatu Vocabulary
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1. तुद् |
मारना |
to strike |
तुदति |
2. भिद् |
चीरना |
to split |
भिनत्ति |
3. स्पृश् |
छूना |
to touch |
स्पृणत्ति |
4. दृश् |
देखना |
to see |
पश्यति |
5. मृग् |
खोज करना |
to search |
मृगयते (Atmanepadi) |
6. व्रश्च् |
काटना |
to cut |
व्रश्चति |
7. दंश् |
काटना |
to bite |
दंशति |
8. भ्रंस् |
गिराना |
to make fall |
भ्रंसति |
9. स्रंस् |
फिसलना |
to slip |
स्रंसति |
10. द्रंस् |
गिराना |
to drop |
द्रंसति |
11. मृश् |
छूना / विचार करना |
to touch / to consider |
मृणत्ति |
12. क्रश् |
दबाना |
to press |
क्रशति |
13. वृश् |
पीटना |
to beat |
वृशति |
14. घर्ष् |
घिसना |
to rub / to grind |
घर्षति |
15. द्रुश् |
देखना |
to see |
द्रक्ष्यति (Irregular) |
16. तर्ज् |
डराना / धमकाना |
to threaten |
तर्जति |
17. क्षर् |
बहना |
to flow |
क्षरति |
18. धृष् |
साहस करना |
to be bold |
धर्षति |
19. दर्श् |
देखना |
to see |
दर्शति (rare) |
20. गर्ह् |
निंदा / दोष निकालना |
to blame |
गर्हति |
21. पृष् |
पूछना |
to ask |
पृच्छति |
22. गृह् |
पकड़ना |
to grasp |
गृह्णाति |
23. वेष्ट् |
लपेटना |
to wrap |
वेष्टति |
24. शप् |
शपथ लेना |
to swear |
शपति |
25. रभ् |
पकड़ना |
to seize |
रभति |
26. खद् |
चबाना |
to chew |
खदति |
27. ग्रस् |
निगलना |
to swallow |
ग्रसति |
28. पच् |
पकाना |
to cook |
पचति |
29. लिख् |
लिखना |
to write |
लिखति |
30. रुन्ध् |
रोकना |
to obstruct |
रुन्धति |
31. दह् |
जलाना |
to burn |
दहति |
32. लुण्ठ् |
लूटना |
to rob |
लुण्ठति |
33. लङ्घ् |
लाँघना |
to cross over |
लङ्घति |
34. सन्ध् |
जोड़ना |
to join |
सन्धति |
35. बन्ध् |
बाँधना |
to bind |
बध्नाति |
36. लभ् |
पाना |
to obtain |
लभते (Atmanepadi) |
37. रक्ष् |
रक्षा करना |
to protect |
रक्षति |
38. स्फुट् |
फटना |
to burst |
स्फुटति |
39. वर्ज् |
त्यागना |
to abandon |
वर्जति |
40. स्रव् |
टपकना |
to drip |
स्रवति |
41. खर्च् |
खर्च करना |
to spend |
खर्चति |
42. स्पर्ध् |
ईर्ष्या करना |
to envy / to compete |
स्पर्धति |
43. मर्ष् |
सहन करना |
to tolerate |
मर्षति |
44. स्तम्भ् |
रोकना |
to stop |
स्तम्भति |
45. वल्ग् |
कूदना |
to leap |
वल्गति |
46. भर्ज् |
भूनना |
to roast |
भर्जति |
Dhatu in Sanskrit: Tanadi Dhatu Gana
7. तनादि - तनादिकृञ्भ्यः उः' तन्' धातु के आदि में रहने से इसे तनादि गण की संज्ञा से अभिहित किया गया है। इस गण का चिह्न 'उ' है। यह लट्, लोट्, लङ और विधिलिङ् में 'ओ' के रूप में मालूम पड़ता है। यथा - तन् + उ (ओ) + ति = तनोति ।
Tanadi Dhatu Vocabulary
1. तन् - विस्तार करना - to extend - तनोति
2. हु - हवन करना - to offer - जुहोति
3. सन् - देना - to give - सनोति
4. स्तु - प्रशंसा करना - to praise - स्तौति
5. दु - जलाना - to burn - दुनोति
6. मन् - सोचना - to think - मनोति
7. वि - प्रवेश करना - to enter - विनोति
8. शु - चमकना - to shine - शुनोति
9. यु - मिलाना - to join - युनोति
10. लु - काटना - to cut - लुनोति
11. नु - प्रशंसा करना - to praise - नौति
12. रु - रोना - to cry - रौति
13. जु - तेज करना - to sharpen - जुनोति
14. श्रु - सुनना - to hear - शृणोति
15. ग्लू - थकना - to be tired - ग्लौति
16. स्नु - स्राव करना - to flow - स्नौति
17. धू - हिलाना - to shake - धुनोति
18. क्षु - भूखा होना - to be hungry - क्षुणोति
19. वृ - चुनना - to choose - वृणोति
20. कु - ध्वनि करना - to sound - कुनोति
21. पु - शुद्ध करना - to purify - पुनोति
22. लु - काटना - to cut - लुनोति
23. सु - दबाना - to press - सुनोति
24. मु - मुक्त करना - to release - मुनोति
25. रु - रुकना - to stop - रुणोति
26. टु - हिलना - to move - टुनोति
27. णु - गाना - to sing - णौति
28. ध्रु - स्थिर रहना - to be firm - ध्रौति
29. भ्रु - भटकना - to wander - भ्रौति
Dhatu in Sanskrit: Rudhadi Dhatu Gana
8. रुधादि - रुधादिभ्यः श्नम् 'रुध्' धातु के प्रथम आने से इसे रुधादि गण कहा गया है। इसका गण चिह्न 'न' है जो धातु के उपधा के अन्तिम वर्ण में जुट जाता है। यह लट्, लङ, लोट् एवं विधिलिङ् में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। यथा – रुध् + ति = रुन्ध + ति = रुणद्धि।
Rudhadi Dhatu Vocabulary
1. रुध् – रोकना (To obstruct) – रुणद्धि
2. मृद् – मसलना (To crush) – मृद्नाति
3. कृन्त् – काटना (To cut) – कृन्तति
4. व्रण् – घायल करना (To injure) – व्रणाति
5. गृह् – पकड़ना (To grasp) – गृह्णाति
6. मुच् – छोड़ना (To release) – मुञ्चति
7. कृप् – करुणा करना (To pity) – कृप्णाति
8. वञ्च् – धोखा देना (To deceive) – वञ्चति
9. भृश् – तीव्र होना (To be intense) – भृश्णाति
10. निच् – झुकना (To bend) – निञ्चति
11. रम्भ् – हिनहिनाना (To neigh) – रम्भति
12. पिष् – पीसना (To grind) – पिणष्टि
13. धृष् – साहसी होना (To be bold) – धृष्णोति
14. नृध् – छिपाना (To hide) – नृध्नाति
15. विघ् – काटना/विनाश करना (To ruin) – विघ्नाति
16. धृप् – ठहराना (To fix) – धृप्णाति
17. छिद् – काटना (To split) – छिनत्ति
18. श्रन्थ् – शिथिल होना (To become loose) – श्रन्थति
19. द्रिप् – छलकना (To overflow) – द्रिप्णाति
20. छृद् – काटना (To sever) – छृन्दति
21. वञ्च् – धोखा देना (To cheat) – वञ्चति
22. श्रुध् – सुनना (To hear) – श्रुणोति
23. द्रभ् – झुकाना (To bend) – द्रभ्नाति
24. म्रद् – मृदु होना (To be soft) – म्रद्नाति
25. ग्रभ् – पकड़ना (To hold) – ग्रभ्णाति
26. द्रुग् – दौड़ना (To run) – द्रुग्णाति
Dhatu in Sanskrit: Krayadi Dhatu Gana
9. क्रयादिक्रयादिभ्यः स्ना - 'क्री' धातु के आदि में
रहने से इसका नाम क्रयादिगण पड़ा है। इसका गण चिह्न 'ना' है
जो सार्वधातुकी क्रियाओं में दिखाई पड़ता है। शेष लकारों में यह 'नी'
के
रूप में दिखता है। यथा- क्रीणाति ।
Krayadi Dhatu Vocabulary
1. क्रय् – खरीदना (To buy) – क्रिणाति
2. वणिज् – व्यापार करना (To trade) – वणक्ति
3. पनस् – बोली लगाना (To bid) – पनक्ति
4. शपथ् – शपथ लेना (To swear) – शपथ्नाति
5. प्रणिप् – साष्टांग प्रणाम करना (To prostrate) – प्रणिप्नाति
6. समर्प् – अर्पण करना (To offer) – समर्प्णाति
7. विक्री – बेचना (To sell) – विक्रीणाति
8. संपर्क् – संपर्क करना (To connect) – संपर्क्नाति
9. सम्बन्ध् – संबंध बनाना (To relate) – सम्बन्ध्नाति
10. प्रत्यर्प् – वापस देना (To return) – प्रत्यर्प्णाति
11. अपक्री – नुकसान करना (To harm in trade) – अपक्रीणाति
12. परिग्रह् – संग्रह करना (To collect) – परिगृह्णाति
13. प्रतिग्रह् – प्राप्त करना (To receive) – प्रतिगृह्णाति
14. संबन्ध् – जोड़ना (To connect) – सम्बन्ध्नाति
15. विपण् – बेचने का कार्य (To market) – विपणति
Dhatu in Sanskrit: Churadi Dhatu Gana
Churadi Dhatu Vocabulary
1. चुर् – चुराना (To steal) – चोरयति
2. स्पर्ध् – स्पर्धा करना (To compete) – स्पर्धयति
3. सूच् – सुझाव देना (To suggest) – सूचयति
4. नृत् – नाचना (To dance) – नर्तयति
5. श्रध् – श्रद्धा करना (To believe) – श्रद्धयति
6. शोभ् – शोभा देना (To shine) – शोभयति
7. दास् – गुलाम बनाना (To enslave) – दासयति
8. तृष् – प्यास लगना (To thirst) – तृषयति
9. शुभ् – शुभकामना देना (To bless) – शुभयति
10. सञ्च् – इकट्ठा करना (To gather) – संचयति
11. सुध् – याद करना (To remember) – सुधयति
12. वञ्च् – धोखा देना (To deceive) – वञ्चयति
13. विध् – विनाश करना (To destroy) – विधयति
14. वृत् – बताना (To narrate) – वर्तयति
15. लज्ज् – शर्मिंदा करना (To embarrass) – लज्जयति
16. चिन्त् – चिंता करना (To worry) – चिन्तयति
17. गर्ज् – गर्जना करना (To roar) – गर्जयति
18. हृष् – आनंदित करना (To delight) – हृषयति
19. विस्मृ – भूलना (To forget) – विस्मारयति
20. प्रहृष् – अत्यधिक आनंदित करना (To gladden) – प्रहृषयति
21. जर्जर् – खंडित करना (To break down) – जर्जरयति
22. श्लाघ् – प्रशंसा करना (To praise) – श्लाघयति
23. विस्मय् – चकित करना (To astonish) – विस्मययति
24. सङ्कल् – संकल्प करना (To resolve) – संकल्पयति
25. शम्य् – शांत करना (To pacify) – शमयति
26. अर्च् – पूजा करना (To worship) – अर्चयति
27. वन्द् – प्रणाम करना (To salute) – वन्दयति
28. निन्द् – निंदा करना (To criticize) – निन्दयति
29. प्रशंस् – सराहना करना (To admire) – प्रशंसयति
30. कर्प् – कटाव करना (To cut) – कर्पयति
31. प्रणम् – नमस्कार करना (To bow) – प्रणमयति
32. सम्मन् – स्वीकार करना (To accept) – सम्मनयति
33. उपदेश् – उपदेश देना (To instruct) – उपदेशयति
34. चिन्ह् – पहचानना (To recognize) – चिन्हयति
35. विप्रलभ् – धोखा देना (To deceive) – विप्रलभयति
36. परिहास् – मज़ाक करना (To joke) – परिहासयति
37. आश्वस् – ढाँढस देना (To console) – आश्वासयति
38. अभिवन्द् – अभिवादन करना (To greet) – अभिवन्दयति
39. तर्ज् – धमकाना (To threaten) – तर्जयति
40. सम्भाष् – बातचीत करना (To converse) – सम्भाषयति
41. विकल्प् – विकल्प देना (To offer choice) – विकल्पयति
42. सन्देश् – संदेश देना (To inform) – सन्देशयति
43. भर्त्स् – फटकारना (To scold) – भर्त्सयति
44. विचिन्त् – विचार करना (To contemplate) – विचिन्तयति
45. शमम् – समाप्त करना (To end) – शमयति
46. दण्ड् – दंड देना (To punish) – दण्डयति
47. मण्ड् – सजाना (To decorate) – मण्डयति
48. समाचर् – आचरण करना (To behave) – समाचरयति
49. विरक्त् – विरक्ति करना (To renounce) – विरक्तयति
50. उत्साह् – उत्साहित करना (To encourage) – उत्साहयति
Dhatu in Sanskrit: Lakara
लकार (Lakars)
संस्कृत व्याकरण में काल एवं मानसिक वृत्ति के
अनुसार क्रिया के रूप में जो परिवर्तन होता है तथा क्रिया के करने में जो समय लगता
है उसे काल कहा जाता है। सामान्यतया काल के तीन भेद हैं - भूत, वर्तमान और भविष्यत्।
इसलिए इन तीनों कालों में 'तिङ्' प्रत्यय के अलग
रूपों का योग होता है। इसके अतिरिक्त वक्ता की मनोवृत्ति के अनुसार भी क्रिया के
रूप में अन्तर पड़ता है जिससे तदनुसार भी 'तिङ्' प्रत्यय के
अलग-अलग रूपों का योग होता है। इसीलिए काल और वक्ता की मनोवृत्ति के अनुसार
संस्कृत की सभी क्रियाओं को दस भागों में विभक्त किया गया है जिन्हें लकार कहते
हैं। संस्कृत
में लकार 10 प्रकार के होते हैं। जिनका विस्तृत अध्ययन लकार वाले Article में कर सकते
हैं।
Dhatu in Sanskrit: Person
पुरुष (Person )
क्रियापद का प्रयोग तीनों पुरुष एवं तीनों वचनों में किया जाता है। संस्कृत में पुरुष तीन प्रकार के होते हैं। यथा : 1. प्रथम पुरुष 2. मध्यम पुरुष 3. उत्तम पुरुष।
1. प्रथम पुरुष - जिसके विषय में कोई बात की जय वह प्रथम पुरुष कहलाता है। यथा:- राम (वह) विद्यालय जा रहा है। इस वाक्य से स्पष्ट पता चलता है कि यह बात की जा रही है कि, वह (राम) विद्यालय जा रहा है।
2. मध्यम पुरुष - जिससे कुछ कहा जाय वह मध्यम पुरुष कहलाता है। मध्यम पुरुष को श्रोता भी कहा जाता है। यथा:- तुम विद्यालय जा रहे हो। इस वाक्य से यह स्पष्ट होता है कि कोई एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कह रहा है कि तुम विद्यालय जा रहे हो। मतलब दूसरा व्यक्ति सुन रहा है।
3. उत्तम
पुरुष - कहने वाले को उत्तम पुरुष कहते हैं। उत्तम पुरुष को वक्ता भी कहा जाता है।
यथा:- मैं विद्यालय जा रहा हूँ। इस वाक्य से स्पष्ट है कि व्यक्ति खुद कह रहा है
कि मैं विद्यालय जा रहा हूँ।
Vachan kise kahate hain
वचन (Number)
वचन - जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि को देखकर,
सुनकर, जानकर
मनों में गिनने की प्रवृति उत्पन्न हो, उसे संख्या/वचन कहते हैं।
संस्कृत में वचन तीन प्रकार के होते हैं। 1. एकवचन 2. द्विवचन 3. बहुवचन
एकवचन - जिससे एक संख्या का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। यथा :- एक कलम , एक किताब आदि।
द्विवचन - जिससे दो संख्या का बोध हो, उसे द्विवचन कहते हैं। यथा :- दो कलम , दो किताब आदि।
बहुवचन - जिससे दो संख्या से अधिक संख्या का
बोध हो, उसे बहुवचन कहते
हैं। यथा :- तीन कलम , पांच किताबें आदि।
परस्मैपदी तिङ् प्रत्यय पुरुष एवं वचन के साथ
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम |
तिप् (ति) |
तस् (तः) |
झि (अन्ति) |
मध्यम |
सिप्
(सि) |
थस्
(थः) |
थ |
उत्तम |
मिप्
(आमि) |
वस्
(वः) |
मस्
(मः) |
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम |
ति |
तः |
अन्ति |
मध्यम |
सि |
थः |
थ |
उत्तम |
आमि |
आवः |
आमः |
इन्हीं प्रत्ययों के विशिष्ट रूप भिन्न - भिन्न
लकारों में धातुओं के साथ लगाए जाते हैं, जिन्हे कर्तृ: (कर्ता) Subject कहा जाता है।
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
|
सः = सा = तत् = |
तौ = ते = ते = |
ते = ता = तानि = |
मध्यम |
त्वम् = |
युवाम = |
यूयम = |
उत्तम |
अहम् = |
आवाम = हमदोनों |
वयम = हमलोग |
Dhatu in Sanskrit: Set and Anit Dhatu
सेट् और अनिट् धातु
संस्कृत में धातुएँ दो प्रकार की होती हैं (1)
सेट्
और (2) अनिट् । जिन धातुओं के लृट्, लुट् एवं लृङ् लकारों में 'इट्'
(इ)
का आगम होता है वह सेट् और जिन लकारों में इट् का प्रयोग नहीं होता है वह अनिट्
कहलाता है।
Set Dhatu Example
धातु - भू (भव)
सेट् धातु रूप:-
लकार |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
लृट् लकार |
भविष्यति |
भविष्यतः |
भविष्यन्ति |
लुट् लकार |
भविता |
भवितारौ |
भवितारः |
लृङ् लकार |
अभविष्यत् |
अभिष्यताम् |
अभविष्यन् |
Anit Dhatu Example
धातु - दा
अनिट् धातु रूप:-
लकार |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
लृट् लकार |
दास्यति |
दास्यतः |
दास्यन्ति |
लुट् लकार |
दाता |
दातारौ |
दातारः |
लृङ् लकार |
अदास्यत् |
अदास्यताम् |
अदास्यन् |
Dhatu in Sanskrit: Transitive and Intransitive Verb
अकर्मक और सकर्मक (क्रिया) धातु (Transitive & Intransitive Verb)
अकर्मक क्रिया (धातु) - जिन धातुओं का
फल और व्यापार केवल कर्त्ता तक ही सीमित हो उन्हें अकर्मक क्रिया (धातु) कहते
हैं।
जैसे - बालकः शेते'
इस
वाक्य में शेते (सोता है),
क्रिया का फल बालक तक ही सीमित है, अतः इसे अकर्मक (क्रिया) धातु कहेंगे।
Dhatu: Intransitive verb
सकर्मक (क्रिया) धातु - जिन क्रियाओं का फल कर्ता से भिन्न किसी अन्य पर पड़ता हो उसे सकर्मक क्रिया (धातु) कहते हैं।
जैसे - "बालकः मोदकम् खादति" इस वाक्य में कर्त्ता का व्यापार और फल कर्म तक जाता है, अतः यह सकर्मक (क्रिया) धातु है।
संस्कृत में निम्न श्लोक से अकर्मक धातुएँ स्पष्ट हो जाती हैं-
लज्जा सत्ता स्थिति जागरणम्
वृद्धि क्षय भय जीवन मरणम्।
शयन क्रीडा रुचि दीप्त्यर्थम्
धातुगणन्तमकर्मकमाहुः।
अर्थात् - लज्जा, सत्ता, स्थिति, जागरणम्, वृद्धि, क्षय, भय, जीवन, मरण, शयन, क्रीडा, रुचि, दीप्ति के अर्थ के धातु अकर्मक होते हैं ।
Friends उम्मीद करता हूँ कि Dhatu in Sanskrit Blog Post में Dhatu kise kahte hain और धातु के गण (प्रकार) एवं Dhatu Vocabulary आपको आसानी से समझ में आया होगा। इस Article को share करना मत भूलियेगा। धन्यवाद !
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