Learn Hindi to Sanskrit Translation: Rules, Tools & Techniques
दोस्तों इस post में आप Learn Hindi to Sanskrit Translation: Rules, Tools & Techniques सीखने वाले हैं। जहां आपको A to Z Hindi to Sanskrit Translation मिलेंगे, तो चलिए Start करते हैं।
Hindi to Sanskrit Translation Using Lat Lakara in Sanskrit
लट् लकार (वर्तमान काल Present Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः पठति। वह पढ़ता है। सा पठति। वह पढ़ती है। | तौ पठतः। वेदोनों पढ़ते हैं। तौ पठतः। वे दोनों पढ़ती हैं। | ते पठन्ति। वेलोग पढ़ते हैं। ते पठन्ति। वेलोग पढ़ती हैं। |
मध्यमपुरुष | त्वम् पठसि। तुम पढ़ते हो। | युवाम् पठथः। तुमदोनों पढ़ते हो। | यूयम पठथ। तुमलोग पढ़ते हो। |
उत्तमपुरुष | अहम् पठामि। मैं पढ़ता हूँ। | आवाम पठावः। हमदोनों पढ़ते हैं। | वयम पठामः। हमलोग पढ़ते हैं। |
Sanskrit Translation
हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
कुत्ते भौकते हैं। | कुक्कुराः बुक्कन्ति। |
वेलोग नाचते हैं। | ते नृत्यन्ति। |
तुमदोनों कहाँ जाते हो। | युवाम कुत्र गछथः। |
हमलोग विद्यालय जाते हैं। | वयम विद्यालयं गच्छामः। |
नदियाँ बहती है। | नद्यः प्रवहन्ति। |
बच्चे मैदान में खेलते हैं। | बालकाः क्षेत्रे खेलन्ति। |
वेदोनों ठहरते हैं। | ते तिष्ठन्ति। |
मैं घर जाता हूँ। | अहम् गृहं गच्छामि। |
हमदोनों स्कूल में पढ़ते हैं। | वयम विद्यालये गच्छामः |
सूर्य आकाश में चमकता है। | सूर्यः आकाशे चमति। |
Mastering the Lang Lakara for Past Tense in Sanskrit
लंग लकार (भूतकाल Past Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः अखादत्। उसने खाया। | तौ अखाद्ताम्। वेदोनों खाये। | ते अखादन्। वेसब खाये। |
मध्यम पुरुष | त्वम् अखाद। तुमने खाया। | युवाम अखादतम्। तुमदोनों ने खाया। | यूयम अखादत्। तुमलोगों ने खाया। |
उत्तमपुरुष | अहम् अखादम। मैंने खाया। | आवाम अखादाव। हमदोनों ने खाया। | वयम अखादम। हम सब ने खाया। |
Sanskrit Anuwad
Hindi sentence | Hindi to sanskrit anuvad |
मैंने आम खाया। | अहम् आम्रम् अखाद्म्। |
तुमलोगों ने भात खाया। | यूयम ओदनम् अखादत्। |
शिकारी ने एक बाघ मारा। | आखेटकः एकं व्यघ्रम् अहन्। |
मेरा भाई घर गया। | मम भ्रात: गृहम् अगच्छ्त्। |
उसने मुझे दूध पिलाया। | सः माम् दुग्धम् अपायत्। |
तुमदोनों एक होटल में रहते थे। | युवाम छात्रावासे अतिष्ठतम्। |
तुमलोगों ने एक पत्र लिखा। | यूयं एकः पत्रं अलिखत्। |
वृक्ष से पत्ते गिरे। | वृक्षात् पत्राणि अपतन्। |
नौकर ने सांप को मारा। | दासः सर्पं अहनत्। |
हमलोगों ने गेंद खेला। | वयं कन्दुकं अखेलाम। |
Using Lrit Lakara for Future Tense in Sanskrit Translation
लृट् लकार (भविष्यत काल Future Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः गमिष्यति। | तौ गमिष्यतः। | ते गमिष्यन्ति। |
मध्यम पुरुष | त्वम् गमिष्यसि। | युवाम गमिष्यथः। | यूयम गमिष्यथ। |
उत्तम पुरुष | अहम् गमिष्यामि। | आवाम गमिष्यावः। | वयम गमिष्यामः। |
Hindi to Sanskrit Anuwad
Hindi vakya | Hindi to Sanskrit Anuvad |
क्या तुमदोनों विद्यालय जाओगे। | किम् युवाम् विद्यालयं गमिष्यथः। |
कल हमलोग पिता के साथ पटना जायेंगे। | श्वः वयं पित्रा सह पाटलिपुत्रं गमिष्यामः। |
हमदोनों अध्यापक से संस्कृत पढ़ेंगे। | आवाम अध्यापकात् संस्कृतं पठिष्यामः। |
आज वर्षा अवश्य होगी। | अद्य दृष्टि: अवश्यं भविष्यति। |
मैं आज सभा में अवश्य ही बोलूँगा। | अहम् अद्य सभायां अवश्यमेव वदिष्यामि। |
हमलोग खाना खाकर विद्यालय जायेंगे। | वयम भोजनं खादित्वा विद्यालयं गमिष्यामः। |
मैं शाम को अख़बार पढूंगा। | अहम् सायं समाचार पत्रं पठिष्यामि। |
मैं तुम्हे पुस्तक दूंगा। | अहं त्वां पुस्तकम् दास्यामि। |
वह घर जाएगी। | सा गृहं गमिष्यति। |
वेसब फल खायेंगे। | ते फलानि खादिष्यन्ति। |
Wishing & Commanding in Sanskrit: A Guide to Lot Lakara
लोट् लकार (आज्ञा – अनुज्ञा – Order – Imperative Mood)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः वदतु। | तौ वदताम्। | ते वदन्तु। |
मध्यम पुरुष | त्वम् वद। | युवाम् वदतम्। | यूयम् वदत्। |
उत्तम पुरुष | अहम् वदानि। | आवाम् वदाव। | वयम् वदाम। |
Lrit Lakar ka Anuwad
हिन्दी वाक्य | हिन्दी से संस्कृत अनुवाद |
तुमलोग संस्कृत पढ़ो। | यूयम् संस्कृतं पठत। |
वेलोग भाषण सुनें। | ते भाषणं श्रृण्वन्तु। |
हमलोग पके फल खाएं। | वयं पक्वानि फलानि खादाम। |
सबलोग शांत होकर बैठें। | सर्वे शांतं भूत्वा उपविशन्तु। |
गाय को मैदान में चराओ। | गां क्षेत्रे चारय। |
मेरे लिए दूध लाओ। | मह्यम् दुग्धम् आनय। |
शिक्षक समय पर विद्यालय जाएँ। | शिक्षकः समये विद्यालयं गच्छेत्। |
तुमलोग यहाँ मत बैठो। | यूयं अत्र मा उपविशत। |
सभी छात्र एकसाथ मैदान में गेंद खेलें। | सर्वे छात्राः एकत्र क्रीडाङ्गणे कन्दुकं क्रीडन्तु। |
आपलोग मेरे घर अवश्य आएं। | यूयं मम गृहम् अवश्यम् आगच्छत। |
Learning Vidhiling Lakara in Sanskrit Translation
विधिलिंग (चाहिए या इच्छाबोधक – Should, Would, Must: (Optative Mood)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | सःहसेत। | तौ हसेताम्। | ते हसेयु: । |
| त्वम् हसे:। | युवाम् हसेतम्। | युयम हसेत्। |
उत्तमपुरुष | अहम् हसेयम। मुझे हँसना चाहिए। | आवाम हसेव। हमदोनों को हँसना चाहिए। | वयम हसेम। हमलोगों को हँसना चाहिए। |
Anuvad in Sanskrit
Hindi anuvad | Sanskrit Anuvad |
हमलोगों को अपना पाठ मन से याद करना चाहिए। | वयम् स्वकीयं पाठम् मनसा पठेम। |
तुमलोगों को घर जाना चाहिए। | युयम् गृहं गच्छेत्। |
यहाँ गरीब लोगों को नहीं रहना चाहिए। | यत्र दीनाः जनाः न वसेयु:। |
आज हमलोगों को पटना चलना चाहिए। | अद्य वयं पाटलिपुत्रं चलेम। |
हमें मन से संस्कृत पढ़ना चाहिए। | वयम् मनसा संस्कृतं पठेम। |
लड़कों को अपना पाठ याद करना चाहिए। | बालकाः स्वकीयं पाठं स्मरेयु:। |
वेलोगों को शीघ्र ही घर जाना चाहिए। | ते शीघ्रमेव गृहं गच्छेयु:। |
तुमदोनों को दूसरों की निंदा नहीं करना चाहिए। | यूवाम् परेषां निन्दां न कुर्याताम्। |
उसे अपना काम स्वयं करना चाहिए। | सः स्वकीयं कार्यं स्वयमेव कुर्यात्। |
सज्जन लोग हमारे घर पर अवश्य आवें। | सज्जनाः स्माकं गृहे अवश्यं आगच्छेयु:। |
“अपि” (भी) से संस्कृत अनुवाद
“अपि” शब्द समुच्चयबोधक अव्ययव शब्द कहलाता है। यथा – त्वं अपि पठसि = तुम भी पढ़ते हो।
लेकिन “अपि” शब्द किसी वाक्य के प्रारंभ में आता है तो वह प्रश्नवाचक शब्द बन जाता है औए उसका अर्थ होता है – “क्या”
हिन्दी वाक्य | संस्कृत में अनुवाद |
क्या आप घर जाते हैं? | अपि भवान् गृहं गच्छति? |
क्या आप व्याकरण पढ़ते हैं? | अपि भवान् व्याकरणम् पठति? |
क्या वह झूठ बोलता है? | अपि सः मिथ्या वदति? |
क्या आप पत्र लिखते हैं? | अपि भवान् पत्रं लिखसि? |
क्या वेदोनों खेलते हैं? | अपि तौ खेलतः? |
तुम भी खेलते हो। | त्वं अपि खेलसि। |
वह भी दौड़ता है। | सः अपि धावति। |
हमलोग भी फल खाते हैं। | वयं अपि फलं खादामः। |
उसे भी पुस्तक पढ़ना चाहिए। | सः अपि पुस्तकं पठेत। |
तुम भी घर जाओ। | त्वं अपि गृहं गच्छ। |
विशेष्य और विशेषण का प्रयोग
जिस प्रकार कर्तृवाच्य में क्रिया कर्ता के अनुसार होती है। ठीक उसी प्रकार विशेष्य के अनुसार विशेषण का प्रयोग होता है। विशेष्य के लिंग, कारक, और वचन के अनुसार विशेषण के भी लिंग, कारक और वचन होते हैं।
कारक | हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
कर्ता कारक | राम चतुर लड़का है। | रामः चतुरः बालकः अस्ति। |
| सीता सुशील लड़की है। | सीता सुशीला बालिका अस्ति। |
कर्म कारक | सोहन सुन्दर चित्र देखता है। | सोहनः सुन्दरं चित्रं पश्यति। |
| राम उत्तम पुस्तक पढ़ता है। | रामः उत्तमं पुस्तकं पठति। |
कारण कारक | रमेश अपने कलम से लिखता है। | रमेशः निजेन कलमेन लिखति। |
| आप हमेशा पराई कलम से लिखते हैं। | भवान् सर्वदा परेण कलमेन लिखति। |
सम्प्रदान कारक | गरीब ब्राह्मण को दान देना चाहिए। | दीनेभ्यः ब्राह्मणेभ्यः दानं दातव्यम्। |
| गरीब भिखारी को धन देना चाहिए। | दरिद्राय भिक्षुकाय धनं दातव्यम्। |
अपादान कारक | वह योग्य अध्यापक से पढ़ता है। | सः योग्यात् अध्यापकात् पठति। |
| सुशीला योग्य लड़का से ब्याह करती है। | सुशीला योग्यात् बालकात् विवाहं करोति। |
सम्बन्ध कारक | राम चतुर छात्रों का संगत करता है। | रामः चतुराणाम् छात्राणाम् संगतिम् करोति। |
| सीता की बहन बहुत ही सुशील है। | सीतायाः भगिनी अतीव सुशीला अस्ति। |
अधिकरण कारक | वह विशाल शहर में रहता है। | सः विशाले नगरे निवसति। |
| वह टूटी झोपड़ी में रहता है। | सः भग्नायां कुट्यां वसति। |
संबोधन | प्यारे छात्रो ! तुम क्या करते हो ? | प्रियाः छात्राः! यूयं किम् कुरुथः। |
| प्रिये मित्र ! नमस्ते | प्रिये मित्र ! नमस्कार। |
अस् और भू धातु का प्रयोग
पूरक विशेषणों के साथ अस् और भू धातु का प्रयोग किया जाता है।
यथा – अस्ति, अस्तः, सन्ति
- भवति, भवतः, भवन्ति
Hindi sentence |
संस्कृत अनुवाद |
तुम्हारे गाँव के
तालाब सूखे हैं। |
तव
ग्रामः सरोवरा: (जलाशयाः, तडागा:) शुष्का: सन्ति। |
यह गाय काली है। |
इयं
धेनु: कृष्णा (श्यामा) अस्ति। |
तुम्हारे दो भाई
सुशील हैं। |
तव
भ्रातरौ सुशीलौ स्तः। |
वह लड़का अति सुन्दर
है। |
सः
बालकः अति सुन्दरः अस्ति। |
उसके दो भाई चतुर
हैं। |
तस्य
भ्रातरौ चतुरौ स्तः। |
गंगा का जल मीठा
होता है। |
गंगायाः
जलं मधुरं भवति। |
इस कुँए का जल मीठा
है। |
अस्य
कूपस्य जलं मधुरं भवति। |
आम का फल मीठा होता
है। |
आम्रस्य
फलं मधुरं भवति। |
हाथी मोटा जानवर
होता है। |
गजः
स्थूल: पशुः
भवति। |
पेड़ में पत्ते होते
हैं। |
वृक्षे
पत्राणि भवन्ति। |
-
कृदन्त प्रत्यय से बने विशेषण का प्रयोग
वर्तमान काल के अर्थ में कृदन्ततीय “शतृ” प्रत्यय के लगने से जो क्रिया बनती है वह “हुआ” अर्थ का बोधक होता है जो विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है।
यथा – गम् + शतृ - गच्छत् = जाता हुआ (नपुंसक)
- गच्छन् = जाता हुआ (पुलिंग)
- गच्छती = जाती हुई (स्त्रीलिंग)
Hindi vakya | Sanskrit Translation |
दौड़ता हुआ लड़का घोड़े से गिर गया। | धावन् बालकः अश्वात् अपतत्। |
हँसती हुई लड़की को देखों। | हसन्तीम् बालिकां पश्य। |
सूखता हुआ शरीर मोटा हो गया। | शुष्यत्त् शरीरं स्थूलं अभवत्। |
गाती हुई लड़कियाँ सड़क पर जाती हैं। | गायन्त्त्यः बालिकाः राजमार्गे गच्छन्ति। |
माता रोते हुए शिशु को खिलाती है। | माता रुदन्तं शिशुं खादयति। |
गरजता हुआ सिंह वन में जाता है। | गर्जन् सिंहः वनं गच्छति। |
नाचते हुए मोरों को देखो। | नृत्यतः मयुरान् पश्य। |
लड़का पढ़ता हुआ सो गया। | बालकः पठन् सुप्तवान्। |
दौड़ते हुए दो लड़कों को देखो। | धावन्तौ बालकौ पश्य। |
धन पाते हुए आदमी को देखो। | धनं लब्धमानम् जनं पश्य। |
How to Translate Subjects in Hindi to Sanskrit Using Prathama Vibhakti
प्रथमा विभक्ति का प्रयोग (Nominative Case)
कर्त्तरि प्रथमा – कर्ता कारक में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है।
हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
छात्र संस्कृत पढ़ता है। | छात्रः संकृतं पठति। |
वह गेंद खेलता था। | सः कन्दुकं अखेलत्। |
मैं घर जाऊंगा। | अहम् गृहं गमिष्यामि। |
तुम्हे किताब पढ़ना चाहिए। | त्वं पुस्तकं पठे:। |
वह खाना खाए। | सः भोजनं खादतु। |
उक्ते कर्मणि प्रथमा – कर्म वाच्य के उक्त कर्म में प्रथमा विभक्ति होती है एवं कर्ता में तृतीया विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
राम ने रावण को मारा। | रामेण रावणः हतः। |
सीता ने राम को देखी। | सीतया रामः अपश्य। |
अध्यापक ने बालक को पिटा। | अध्यापकेन बालकः ताडितवान्। |
मोहन के द्वारा चन्द्रमा देखा गया। | मोहनेन चन्द्रः दृश्यते। |
दीपक के द्वारा पाठ पढ़ा गया। | दीपकेन पाठः पठ्यते। |
Hindi to Sanskrit Translation Using Dvitiya Vibhakti
द्वितीया विभक्ति (Object Case)
कर्मणि द्वितीया – कर्तृवाच्य के अनुक्त कर्म में द्वितीया विभक्ति होती है।
Hindi sentence | Sanskrit Translation |
राम ग्रन्थ पढ़ता है। | रामः ग्रन्थं पठति। |
सीता रोटी खाती है। | सीता रोटिकां खादति। |
वह बाजार गया। | सः हाटम् अगच्छत्। |
लड़के गेंद खेलेंगे। | बालकाः कन्दुकं खेलन्ति। |
तुम घर जाओ। | त्वं गृहं गच्छ। |
क्रियाविशेषणे द्वितीया – क्रिया विशेषण में द्वितीया विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | संस्कृत में अनुवाद |
वह धीरे- धीरे हँसता है। | सः मन्दं मन्दं हसति। |
हाथी धीरे – धीरे चलता है। | गजः मन्दं मन्दं चलति। |
हवा धीरे – धीरे बहती है। | पवनः मन्दं मन्दं वहति। |
वेदोनों मधुर गाते हैं। | तौ मधुरं गायतः। |
बादल धीरे – धीरे वर्षता हैं। | मेघः मन्दं मन्दं वर्षति। |
अभितः, उभयतः, परितः, सर्वतः योगे द्वितीया – अभितः (दोनों ओर), उभयतः (दोनों ओर), परितः (चारों ओर), सर्वतः (सभी ओर) के योग में द्वितीया विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | हिन्दी से संस्कृत अनुवाद |
गाँव के दोनों ओर वृक्ष हैं। | ग्रामं अभितः वृक्षाः सन्ति। |
नदी के दोनों ओए सड़के हैं। | नदीम् उभयतः राजमार्गा: सन्ति। |
घर के चारो ओर खेत है। | गृहं परितः क्षेत्रा: सन्ति। |
विद्यालय के सभी ओर पेड़ हैं। | विद्यालयं सर्वतः वृक्षाः सन्ति। |
गाँव के दोनों ओर नदी है। | ग्रामं अभितः नद्यौ स्तः। |
कालाध्वनोरत्यन्त संयोगे द्वितीया – कालवाची और मार्गवाची शब्दों में यदि अति लगाओ या अत्यंत संयोग हो तो उसके योग में द्वितीया विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
दिनभर में एक किताब पढ़ लिया। | दिवसं एकं पुस्तकं अपठत्। |
महीनेभर में कार्यकर लिया। | मासं कार्यं अकरोत्। |
कोसभर मार्ग टेढ़ी-मेढ़ी है। | क्रोशं मार्गं कुटिला अस्ति। |
निरंतर एक योजन तक रमेश चला। | निरन्तरं एकं योजनं रमेशः चलति। |
Sanskrit: Hindi to Sanskrit Translation with Tritiya Vibhakti
तृतीया विभक्ति (Instrumental Case)
कर्तृ करणयोस्तृतीया – कर्मवाच्य के अनुक्त कर्ता और करण कारक में तृतीया विभक्ति होती है और धातु रूप आत्मनेपदी होता है।
Hindi sentence | Hindi Sanskrit Translation |
राम के द्वारा बाण से रावण मारा गया। | रामेण बाणेन रावणः हतः। |
छात्र के द्वारा संस्कृत किताब पढ़ा जाता है। | छात्रेन संस्कृतेन पुस्तकं पठ्यते। |
राम के द्वारा ग्रन्थ पढ़ा जाता है। | रामेन ग्रन्थः पठ्यते। |
मेरे द्वारा हँसा जाता है। | मया ह्स्यते। |
येनांग विकारः – जिन अंगवाचक शब्दों में विकार परिलक्षित हो, उन अंगवाचक शब्दों के योग में तृतीया विभक्ति होती है।
हिन्दी | संस्कृत |
वह कान से बहरा है। | सः कर्णेन बधिरः अस्ति। |
कृष्ण आँख का काना है। | कृष्णः नेत्रेन् काणः अस्ति। |
वह पैर से लंगड़ा है। | सः पादेन लुन्जः अस्ति। |
तुम पीठ से कुबड़ा हो। | त्वं पृष्ठेन कुब्जः असि। |
वह दिमाग से हलका था। | सः मस्तिष्केन् विक्षिप्तः आसीत। |
सहार्थे तृतीया (सहयुक्तेsप्रधाने) – “साथ” शब्द के लिए संस्कृत में (सह, साकम्, सार्धम्) शब्द का प्रयोग होता है। इसलिए “सह” आदि के योग में तृतीया विभक्ति होती है।
Hindi vakya | Sanskrit Translation |
राम के साथ सीता वन गयी। | रामेण सह सीता वनं अगच्छत्। |
मेरे साथ आप भी पढ़ें। | मया साकम् भवानं अपि पठ। |
उसके साथ राम विद्यालय जाता है। | तेन सार्धम् रामः विद्यालयं गच्छति। |
शिक्षक के साथ छात्र भी खेलते हैं। | अध्यापकेन सह छात्राः अपि खेलन्ति। |
पिता के साथ बालक घर जाता है। | पित्रा सह बालकः गृहं गच्छति। |
पृथक्, विना, नाना योगे द्वितीया/तृतीया/पञ्चमी च – पृथक, बिना और नाना के योग में विकल्प से द्वितीया/तृतीया/पंचमी विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | हिन्दी संस्कृत अनुवाद |
ज्ञान के बिना मोक्ष नहीं मिलता है। (द्वितीया) | ज्ञानं विना मोक्षः न भवति। |
तृतीया | ज्ञानेन विना मोक्षः न भवति। |
पञ्चमी | ज्ञानात् विना मोक्षः न भवति। |
जल के बिना जीवन व्यर्थ है। (द्वितीया) | जलं विना जीवनः व्यर्थः अस्ति। |
तृतीया | जलेन विना जीवनः व्यर्थः अस्ति। |
पञ्चमी | जलात् विना जीवनः व्यर्थः अस्ति। |
Hindi to Sanskrit Translation Using Chaturthi Vibhakti
चतुर्थी विभक्ति (Dative Case)
रुच्यार्थानां प्रीयमाण: - “रुच्य” धातु के योग में जिस व्यक्ति को वस्तु प्यारी हो, उस स्थिति में चतुर्थी विभक्ति होती है।
हिंदी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
मुझे लड्डू अच्छा लगता है। | मह्यम् मोदकं रोचते। |
हरि को भक्ति अच्छा लगता है। | हरये भक्तिः रोचते। |
मुझे दूध बहुत अच्छा लगता है। | मह्यं दुग्धं अतीव रोचते। |
लड़कों को मिठाई अच्छी लगती है। | बालकेभ्यः मिष्ठानं रोचते। |
यह शहर मुझे बहुत अच्छा लगता है। | इदं नगरं मह्यं अत्यधिकं रोचते। |
दानार्थे चतुर्थी – जिसे कोई वस्तु दानस्वरूप दिया जाए उसमें चतुर्थी विभक्ति होती है।
Hindi sentence | Sanskrit Translation |
राजा ब्राह्मण को धन देता है। | राजा ब्रह्मणाय धनं ददाति। |
गरीब को दान दो। | दीनाय दानं देहि। |
ब्राह्मण को गाय दो। | ब्रह्मनाय गां देहि। |
शिक्षक छात्रों को ज्ञान देते हैं। | शिक्षकः छात्राय ज्ञानं ददाति। |
राजा गरीब को वस्त्र देता है। | राजा दीनाय वस्त्रं ददाति। |
नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलं योगे चतुर्थी – नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलं के योग में चतुर्थी विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | हिन्दी संस्कृत अनुवाद |
राम को प्रणाम। | रामाय नमः। |
गुरुको प्रणाम। | गुरवे नमः। |
प्रजा का कल्याण हो। | प्रजाभ्यः स्वस्ति। |
विष्णु को स्वाहा। | विष्णवे स्वाहा। |
तुम्हारे लिए मैं प्रयाप्त हूँ। | अहम् तुभ्यं अलं अस्मि। |
पितरों को स्वधा। | पितृभ्यः स्वधा। |
Hindi to Sanskrit Translation Using Panchami Vibhakti
पञ्चमी विभक्ति (Ablative Case)
आख्यातोपयोगे पञ्चमी – जिससे नियमपूर्वक विद्या अध्ययन किया जाए या कोई बात मनोयोग पूर्वक श्रवण किया जाए, उसे आख्यात कहते हैं और उसके योग में पञ्चमी विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
वह शिक्षक से संस्कृत पढ़ता है। | सः शिक्षकात् संस्कृतं पठति। |
श्रोता आचार्य से रामायण कथा सुनते हैं। | श्रोतार: आचार्यात् रामायण-कथां श्रृण्वन्ति। |
छात्र किताब से अध्ययन करते हैं। | छात्रा: पुस्तकात् अध्ययनं कुर्वन्ति। |
वह ब्राह्मण से कथा सुनता है। | सः ब्रह्मणात् कथां श्रृण्वन्ति। |
तुम गीता से ज्ञान प्राप्त करते हो। | त्वं गीतायाः ज्ञानं अधिगच्छ्सि। |
पृथक् योगे पञ्चमी – पृथकता या अलगाव के योग में पञ्चमी विभक्ति होती है।
हिन्दी अनुवाद | संस्कृत अनुवाद |
गंगा हिमालय से निकलती है। | गंगा हिमालयात् निःसरति। |
वह विद्यालय से घर आता है। | सः विद्यालयात् गृहं आगच्छति। |
वेलोग गाँव से शहर गए। | ते ग्रामात् नगरं अगच्छन्। |
पेड़ से पते गिरते हैं। | वृक्षात् पत्राणि पतन्ति। |
तुम घर से खाना खाकर जाओ। | त्वं गृहात् भोजनं खादित्वा गच्छ। |
भित्रार्थाणाम् भयहेतु: - भयार्थक “भी” तथा रक्षार्थक “त्रा” धातु के योग में जिससे भय हो या रक्षा की जाय, उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है।
Hindi Translation | Sanskrit Translation |
वह सांप से डरता है। | सः सर्पात् बिभेति। |
श्याम पाप से डरता है। | श्यामः पापात् बिभेति। |
बालक बाघ से डरता है। | बालकः व्याघ्रात् बिभेति। |
राम पाप से डरता है। | रामः पापात् त्रायते। |
दोस्त हमलोगों को चोर से बचाता है। | मित्रं अस्मानं चौरात् त्रायते। |
तुल्यार्थे पञ्चमी – तुलना करने पर जिसे “श्रेष्ठ” बताया जाय, उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है।
Hindi sentence | Sanskrit Translation |
माता और जन्म भूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं। | जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। |
गंगा नदी यमुना नदी से भी पवित्र है। | गंगा नदी यमुना नद्याः अपि पवित्रः अस्ति। |
हिमालय सभी पर्वतों से भी श्रेष्ठ है। | हिमालयः सर्व पर्वतात् अपि श्रेष्ठः अस्ति। |
सीता और राम दशरथ से भी श्रेष्ठ हैं। | सीता रामश्च दशरथादपि गरीयसी। |
अयोध्या स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है। | अयोध्याः स्वर्गादपि गरीयसी। |
वारणार्थे पञ्चमी – जिससे किसी को वारण (निवारण) या बचाया जाय, उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है।
Hindi Translation | Sanskrit Translation |
कृष्ण बिलाड़ से दूध को बचाता है। | कृष्णः विडालात् दुग्धं निवारयति। |
वह राम को बाघ से बचाता है। | सः व्यघ्रात् रामं निवारयति। |
तुम सांप से बच्चे को बचाते हो। | त्वं सर्पात् शिशुं निवारयसि। |
वेलोग आग से गाँव को बचाये। | ते अग्ने: ग्रामात् निवारयति। |
हमलोगों को बाढ़ से पेड़ को बचाना चाहिए। | वयं जलप्ल्वनात् वृक्षां निवारयति। |
Hindi to Sanskrit Translation with Shashthi Vibhakti
षष्ठी विभक्ति (Genitive Case)
यतश्च निर्धारणे षष्ठी – यदि किसी व्यक्ति या वस्तु समूह में किसी एक की विशेषता निरुपित की जाय तो उसमें षष्ठी विभक्ति होती है और विकल्प से सप्तमी विभक्ति भी होती है।
हिन्दी वाक्य | संस्कृत अनुवाद |
नदियों में गंगा श्रेष्ठ है। | नदीनां नदीषु वा गंगा श्रेष्ठा अस्ति। |
कवियों में कालिदास श्रेष्ठ थे। | कवीनां कविषुवा कालिदासः श्रेष्ठः आसीत्। |
कालिदास संस्कृत कवियों में श्रेष्ठ हैं। | कालिदासः संस्कृतः कवीनां कविषु वा श्रेष्ठः अस्ति। |
पाणिनि संस्कृत व्याकरण में श्रेष्ठ है। | पाणिनि: संस्कृतः व्याकरणानां व्याकरणेषु वा श्रेष्ठः अस्ति। |
राम महापुरुषों में श्रेष्ठ हैं। | रामः महापुरुषानां महापुरुषेषु वा श्रेष्ठः अस्ति। |
अनादरे (सप्तमी चानादरे) षष्ठी – यदि एक काम का अनादर या तिरस्कार कर कोई अन्य काम किया जाय तो उसमें षष्ठी या सप्तमी विभक्ति होती है।
हिन्दी अनुवाद | संस्कृत अनुवाद |
रोते हुए शिशु को छोड़कर माता चली गयी। | रुदतः रुदति वा शिशो: शिशौ वा माता जगाम। |
रोते हुए लड़के को छोड़कर पिता चले गये। | रुदतः रुदति वा बालकस्य बालके वा पिता जगाम। |
पढ़ता हुआ बालक को छोड़कर माँ चली गयी। | पठत् बालकस्य बालके वा माता जगाम। |
झगड़ा करते हुए बालक को छोड़कर वेलोग चले गये। | कलहत् बालकस्य बालके वा ते जगाम। |
रोते हुए छात्र को छोड़कर शिक्षक चले गये। | रुदतः छात्रस्य छात्रे वा शिक्षकः जगाम। |
Hindi to Sanskrit Translation with Saptami Vibhakti
सप्तमी विभक्ति (Locative Case)
यस्य च भावेन भावलक्षणं (भावेसप्तमी) – जब एक क्रिया के काल से दुसरे क्रिया के काल का ज्ञान हो जाये तो उसमे सप्तमी विभक्ति होती है।
Hindi Anuvad | Sanskrit Anuvad |
सूर्य के अस्त होने पर मैं घर गया। | सूर्ये अस्तं गते अहम् गृहं गतः। |
चिकित्सक के देखने पर हम सब जायेंगे। | चिकित्सके दृष्टं गते वयं गमिष्यामः। |
लोगों के देखने पर वह हँसने लगा। | जने दृष्टं गते सः हसितः। |
वृक्ष के कटने पर पत्ते सूख गये। | वृक्षे छिदम् गते पत्राणि शुष्कं गतः। |
विद्यालय बंद होने पर शिक्षक घर गये। | विद्यालये संवरणे शिक्षकाः गृहं गतवन्तः। |
अधिकरणे सप्तमी – अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति होती है।
हिन्दी वाक्य | Sanskrit to Hindi |
चिड़िया पेड़ पर बैठती है। | खगः वृक्षे तिष्ठति। |
किसान खेत में काम करता है। | कृषकः क्षेत्रे कार्यं करोति। |
शिक्षक विद्यालय में पढ़ाते हैं। | शिक्षकाः विद्यालये पाठयन्ति। |
लड़के मैदन में खेलेंगे। | बालकाः क्षेत्रे खेलिष्यन्ति। |
गाड़ी रोड पर चल रही थी। | वाहनः मार्गे अचलत्। |
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